मेरे प्रकाशन ने पत्रकारिता के फर्ज से गद्दारी कर ली होती, आज मेरी एक ब्लैकमेलर पत्रकार की छवि बन गई होती.
मैंने भी "राम जेठमलानी" की सेवा ले ली होती,
अगर सरकार द्वारा निर्धारित टैक्सों की चोरी कर ली होती.
मेरा लगभग 13 साल पहले एक ख्याब देखा था कि-एक अपनी शेरों-शायरी की "आपकी शायरी" के नाम से एक किताब प्रकाशित करूँ और फिर उसके बाद "आपकी शायरी" के द्धितीय संसकरण में आमन्त्रित शायरों की रचनाएँ प्रकाशित हो.आज यह ख्याब किताब के रूप में तो नहीं,मगर ब्लॉग के माध्यम से कुछ हद तक पूरा हो रहा है.इसमें अपनी रचनाओं के साथ ही कुछ दिल को छू लेने वाली संकलन रचनाएँ भी प्रकाशित करूँगा.
अपने बहूमूल्य सुझाव व शिकायतें अवश्य भेजकर मेरा मार्गदर्शन करें. आप हमारी या हमारे ब्लोगों की आलोचनात्मक टिप्पणी करके हमारा मार्गदर्शन करें और हम आपकी आलोचनात्मक टिप्पणी का दिल की गहराईयों से स्वागत करने के साथ ही प्रकाशित करने का आपसे वादा करते हैं. आपको अपने विचारों की अभिव्यक्ति की पूरी स्वतंत्रता है. लेकिन आप सभी पाठकों और दोस्तों से हमारी विनम्र अनुरोध के साथ ही इच्छा हैं कि-आप अपनी टिप्पणियों में गुप्त अंगों का नाम लेते हुए और अपशब्दों का प्रयोग करते हुए टिप्पणी ना करें. मैं ऐसी टिप्पणियों को प्रकाशित नहीं करूँगा. आप स्वस्थ मानसिकता का परिचय देते हुए तर्क-वितर्क करते हुए हिंदी में टिप्पणी करें.
bahut khoob likha hai... see my blog
जवाब देंहटाएंgkindian.blogspot.com
बहुत सुन्दर शिक्षा देती शायरी| धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंआप को बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएँ|
काश ! :-)
जवाब देंहटाएंसुन्दर अभिव्यक्ति
सदाबहार देव आनंद
आज के इंसान की सोच और इंसानियत को आइना दिखाती प्रस्तुति - साधुवाद
जवाब देंहटाएंआदरणीय,
जवाब देंहटाएंआज हम जिन हालातों में जी रहे हैं, उनमें किसी भी जनहित या राष्ट्रहित या मानव उत्थान से जुड़े मुद्दे पर या मानवीय संवेदना तथा सरोकारों के बारे में सार्वजनिक मंच पर लिखना, बात करना या सामग्री प्रस्तुत या प्रकाशित करना ही अपने आप में बड़ा और उल्लेखनीय कार्य है|
ऐसे में हर संवेदनशील व्यक्ति का अनिवार्य दायित्व बनता है कि नेक कार्यों और नेक लोगों को सहमर्थन एवं प्रोत्साहन दिया जाये|
आशा है कि आप उत्तरोत्तर अपने सकारात्मक प्रयास जारी रहेंगे|
शुभकामनाओं सहित!
डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’
सम्पादक (जयपुर से प्रकाशित हिन्दी पाक्षिक समाचार-पत्र ‘प्रेसपालिका’) एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष-भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान (बास)
(देश के सत्रह राज्यों में सेवारत और 1994 से दिल्ली से पंजीबद्ध राष्ट्रीय संगठन, जिसमें 4650 से अधिक आजीवन कार्यकर्ता सेवारत हैं)
फोन : 0141-2222225 (सायं सात से आठ बजे के बीच)
मोबाइल : 098285-02666
बहुत बढिया प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंहिन्दी ब्लाग जगत में आपका स्वागत है, कामना है कि आप इस क्षेत्र में सर्वोच्च बुलन्दियों तक पहुंचें । आप हिन्दी के दूसरे ब्लाग्स भी देखें और अच्छा लगने पर उन्हें फालो भी करें । आप जितने अधिक ब्लाग्स को फालो करेंगे आपके अपने ब्लाग्स पर भी फालोअर्स की संख्या बढती जा सकेगी । प्राथमिक तौर पर मैं आपको मेरे ब्लाग 'नजरिया' की लिंक नीचे दे रहा हूँ आप इसका अवलोकन करें और इसे फालो भी करें । आपको निश्चित रुप से अच्छे परिणाम मिलेंगे । धन्यवाद सहित...
http://najariya.blogspot.com/
इस सुंदर से चिट्ठे के साथ आपका हिंदी ब्लॉग जगत में स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंअपनी रचना के माध्यम से बहुत गहराई से आज के दूषित माहौल और मानसिकता को उजागर किया है...
जवाब देंहटाएंनीरज
भारतीय ब्लॉग लेखक मंच"की तरफ से आप को तथा आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामना. यहाँ भी आयें, यदि हमारा प्रयास आपको पसंद आये तो फालोवर अवश्य बने .साथ ही अपने सुझावों से हमें अवगत भी कराएँ
जवाब देंहटाएंहमारा पता है ...........www.upkhabar.in
ये शायरी की खाश अपनी मोजू होती है जो हमारे लेखक या शायर अपने लेखन दूारा समाज में ऊतपन सारी तथ्याो को अपनेे लेखन दूारा कह देते हाै जो की आज के मौजूदा हलात में हो रहा है बहूत खूब बस एसा हि अपने कलम को तलवार बनाए रखीए!
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