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सोमवार, फ़रवरी 07, 2011

शायरों की महफिल से


कटोरा और भीख
कटोरा लेकर भीख भी मांग ली होती,
अगर सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी होती.
अपनी जीवन लीला खत्म कर ली होती,
अगर कानून ने इसकी मंजूरी दे दी होती. 
मैंने शराब कब की चख ली होती,
अगर संस्कारों ने इसकी मंजूरी दे दी होती.
अपनी पत्नी की हत्या कर दी होती,
अगर मेरे माता-पिता ने ऐसी शिक्षा दी होती.
अपनी जिंदगी खुशहाल कर ली होती,
अगर पत्नी ने दूषित मानसिकता बदल ली होती
मैंने भी लाखों रूपये रिश्वत दे दी होती,
अगर कलम अपनी वेश्या बना ली होती. 
मेरे प्रकाशन ने पत्रकारिता के फर्ज से गद्दारी कर ली होती, आज मेरी एक ब्लैकमेलर पत्रकार की छवि बन गई होती.

मैंने भी "राम जेठमलानी" की सेवा ले ली होती,
अगर सरकार द्वारा निर्धारित टैक्सों की चोरी कर ली होती.
हाईकोर्ट में न्याय की पुकार लगा ली होती,
काश! अपने ज़मीर व ईमान की बिक्री कर ली होती.
सुप्रीमकोर्ट में न्याय की पुकार लगा ली होती,
काश! मैंने भी दो नं. की कमाई कर ली होती.
कटोरा लेकर भीख भी मांग ली होती,
अगर सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी होती.

11 टिप्‍पणियां:

  1. bahut khoob likha hai... see my blog
    gkindian.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुन्दर शिक्षा देती शायरी| धन्यवाद|

    आप को बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएँ|

    जवाब देंहटाएं
  3. आज के इंसान की सोच और इंसानियत को आइना दिखाती प्रस्तुति - साधुवाद

    जवाब देंहटाएं
  4. आदरणीय,

    आज हम जिन हालातों में जी रहे हैं, उनमें किसी भी जनहित या राष्ट्रहित या मानव उत्थान से जुड़े मुद्दे पर या मानवीय संवेदना तथा सरोकारों के बारे में सार्वजनिक मंच पर लिखना, बात करना या सामग्री प्रस्तुत या प्रकाशित करना ही अपने आप में बड़ा और उल्लेखनीय कार्य है|

    ऐसे में हर संवेदनशील व्यक्ति का अनिवार्य दायित्व बनता है कि नेक कार्यों और नेक लोगों को सहमर्थन एवं प्रोत्साहन दिया जाये|

    आशा है कि आप उत्तरोत्तर अपने सकारात्मक प्रयास जारी रहेंगे|

    शुभकामनाओं सहित!

    डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’
    सम्पादक (जयपुर से प्रकाशित हिन्दी पाक्षिक समाचार-पत्र ‘प्रेसपालिका’) एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष-भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान (बास)
    (देश के सत्रह राज्यों में सेवारत और 1994 से दिल्ली से पंजीबद्ध राष्ट्रीय संगठन, जिसमें 4650 से अधिक आजीवन कार्यकर्ता सेवारत हैं)
    फोन : 0141-2222225 (सायं सात से आठ बजे के बीच)
    मोबाइल : 098285-02666

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत बढिया प्रस्तुति...
    हिन्दी ब्लाग जगत में आपका स्वागत है, कामना है कि आप इस क्षेत्र में सर्वोच्च बुलन्दियों तक पहुंचें । आप हिन्दी के दूसरे ब्लाग्स भी देखें और अच्छा लगने पर उन्हें फालो भी करें । आप जितने अधिक ब्लाग्स को फालो करेंगे आपके अपने ब्लाग्स पर भी फालोअर्स की संख्या बढती जा सकेगी । प्राथमिक तौर पर मैं आपको मेरे ब्लाग 'नजरिया' की लिंक नीचे दे रहा हूँ आप इसका अवलोकन करें और इसे फालो भी करें । आपको निश्चित रुप से अच्छे परिणाम मिलेंगे । धन्यवाद सहित...
    http://najariya.blogspot.com/

    जवाब देंहटाएं
  6. इस सुंदर से चिट्ठे के साथ आपका हिंदी ब्‍लॉग जगत में स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

    जवाब देंहटाएं
  7. अपनी रचना के माध्यम से बहुत गहराई से आज के दूषित माहौल और मानसिकता को उजागर किया है...

    नीरज

    जवाब देंहटाएं
  8. भारतीय ब्लॉग लेखक मंच"की तरफ से आप को तथा आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामना. यहाँ भी आयें, यदि हमारा प्रयास आपको पसंद आये तो फालोवर अवश्य बने .साथ ही अपने सुझावों से हमें अवगत भी कराएँ


    हमारा पता है ...........www.upkhabar.in

    जवाब देंहटाएं
  9. ये शायरी की खाश अपनी मोजू होती है जो हमारे लेखक या शायर अपने लेखन दूारा समाज में ऊतपन सारी तथ्याो को अपनेे लेखन दूारा कह देते हाै जो की आज के मौजूदा हलात में हो रहा है बहूत खूब बस एसा हि अपने कलम को तलवार बनाए रखीए!

    जवाब देंहटाएं

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