किसी लेखक ने क्या खूब कहा है. |
तब हम खुदा से कहा थें कि प्यार ही हमारी जिंदगी है !
अब जिंदगी रही नहीं, अब अपने पास जल्दी से बुला लें !!
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ले सको तो दुआएं लो, दे सको तो श्रमदान दो !
कर सको निस्वार्थ सेवा करो, दे सको तो प्यार-प्रेम दो !!
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यह देखो कैसा समय का फेर आया,
अपनी भूल अंग्रेजों की पर प्यार आया !
व्यक्तिगत अभिव्यक्ति करते हैं हम हिंदी में,
समय व संख्या का जिक्र करते हैं अंग्रेजी में !!
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सेवा हम करने चले थें, उसके भी हम काबिल नहीं !
खर्च किया समय व रुपया, हुआ मगर सब निर्थक ही !!
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इस जिंदगी के सफर में हम अकेले ही चलें हैं !
देखना है कितने लोग मिलते हैं और कितने बिछड़ते है !!
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शरीर से क्यूँ नहीं निकलते प्राण
वरना कब की खत्म हो चुकी है,
हमारे लिए सांसें इन फिजाओं में !
यह तुम्हारा एहसान है हम पर
जो तुम्हारी बख्शी हुई सांसें लेकर,
जी रहे है तुम्हारे शहर में !!
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यह कसूर है हमारा के वो हमारी,
वेफा को वेवफाई की सौगात कहते हैं !
और कहते है जिंदगी मजे से जी रहे हो,
फिर क्यों मौत की दुआ मांगते हो !!
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गौर कीजिये हमने कुछ कहा है कि :-
मौत ने पूछा कि-मैं आऊँगी तो स्वागत करोंगे कैसे !
मैंने कहा कि-राह में फूल बिछाकर पूछूँगा आने में देर हुई इतनी कैसे !!
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खुदा ने पूछा कि-बोल "सिरफिरे" कैसी चाहता है अपनी मौत !
मैंने कहा कि-दुश्मन* की आँखें झलक आये ऐसी चाहता हूँ अपनी मौत !!
*क्योंकि हर मौत पर अपने रिश्तेदार तो रोते ही है.लेकिन मौत का मजा तब आता है. जब मौत पर दुश्मन भी रोता है.
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आज खबर अपनी मौत की लिख रहा हूँ !
इसलिए श्मशान का पता पूछ रहा हूँ.!!
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ऐ मेरे खुदा ! तू मुझे मौत क्यों नहीं देता !
अब मुझसे जिंदगी का बोझ उठाया नहीं जाता !!
जीवन की अंतिम यात्रा के समय संबंधियों, और मित्रों का व्यवहार और रिवाजों पे सही प्रश्न उठाया आपने| हम जब जी रहे होते हैं, तो उनके प्यार को महसूस नही कर पाते हैं शायद...
जवाब देंहटाएंसार्थक अभिवयक्ति....
जवाब देंहटाएंबातों को रखने के लिए शायरी भी बड़ी अच्छी चीज है। लेकिन कुछ कमी है, उसे दूर कर लीजिए। जैसे तुक, लय आदि…
जवाब देंहटाएंचंदन कुमार मिश्र जी, पोस्ट में पहले ही लिख दिया है कि इन दिनों जिंदगी की कुछ ठहर सी गई है. इसलिए अच्छे शब्दों का चयन भी करना भी लगभग भूल गया हूँ. कृपया बताये कहाँ-कहाँ सुधार करना है. हम करने के लिये तैयार है.
जवाब देंहटाएंरमेश जी नमस्कार, सार्थ्स्क अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंaisi line blog me likhne ke apka bahut-2 dhanywad.
जवाब देंहटाएंDil Roya Par Aankhon Ko Rone Na Diya
जवाब देंहटाएंSari Sari Raat Jage Khud Ko Sone Na Diya
Itna Karte Hai Yaad Aap Ko
Par Is Baat Ka Ehsaas Aap Ko Kabhi Hone Na Diya..neerajbora shayar
Dil Roya Par Aankhon Ko Rone Na Diya
जवाब देंहटाएंSari Sari Raat Jage Khud Ko Sone Na Diya
Itna Karte Hai Yaad Aap Ko
Par Is Baat Ka Ehsaas Aap Ko Kabhi Hone Na Diya..neeraj bora shayar
bahut sundar likha he aapne
जवाब देंहटाएं-सुंदर रचना...
जवाब देंहटाएंआपने लिखा....
मैंने भी पढ़ा...
हमारा प्रयास हैं कि इसे सभी पढ़ें...
इस लिये आप की ये खूबसूरत रचना...
दिनांक 01/05/ 2014 की
नयी पुरानी हलचल [हिंदी ब्लौग का एकमंच] पर कुछ पंखतियों के साथ लिंक की जा रही है...
आप भी आना...औरों को बतलाना...हलचल में और भी बहुत कुछ है...
हलचल में सभी का स्वागत है...
सुंदर रचनाएँ 👍👌
जवाब देंहटाएंHath pakad le Ab v tera ho skta hu Mai
जवाब देंहटाएंbhid Bahot h is duniya ke mele me kho skta hu mai..Aur piche chute Sathi yaad aate h warna sabse aage ho skta hu mai