अरे! भूले तो भूल गए
इसमें भी पछताना क्या
भूले तो हम
मगर हम कुछ इस कद्र भूले
कि उनका घर तो याद रहा
मगर अपना घर भूल गए."
मेरा लगभग 13 साल पहले एक ख्याब देखा था कि-एक अपनी शेरों-शायरी की "आपकी शायरी" के नाम से एक किताब प्रकाशित करूँ और फिर उसके बाद "आपकी शायरी" के द्धितीय संसकरण में आमन्त्रित शायरों की रचनाएँ प्रकाशित हो.आज यह ख्याब किताब के रूप में तो नहीं,मगर ब्लॉग के माध्यम से कुछ हद तक पूरा हो रहा है.इसमें अपनी रचनाओं के साथ ही कुछ दिल को छू लेने वाली संकलन रचनाएँ भी प्रकाशित करूँगा.
अपने बहूमूल्य सुझाव व शिकायतें अवश्य भेजकर मेरा मार्गदर्शन करें. आप हमारी या हमारे ब्लोगों की आलोचनात्मक टिप्पणी करके हमारा मार्गदर्शन करें और हम आपकी आलोचनात्मक टिप्पणी का दिल की गहराईयों से स्वागत करने के साथ ही प्रकाशित करने का आपसे वादा करते हैं. आपको अपने विचारों की अभिव्यक्ति की पूरी स्वतंत्रता है. लेकिन आप सभी पाठकों और दोस्तों से हमारी विनम्र अनुरोध के साथ ही इच्छा हैं कि-आप अपनी टिप्पणियों में गुप्त अंगों का नाम लेते हुए और अपशब्दों का प्रयोग करते हुए टिप्पणी ना करें. मैं ऐसी टिप्पणियों को प्रकाशित नहीं करूँगा. आप स्वस्थ मानसिकता का परिचय देते हुए तर्क-वितर्क करते हुए हिंदी में टिप्पणी करें.
कब ठहरेगा दर्द-ए-दिल, कब रात बसर होगी
जवाब देंहटाएंसुनते थे वो आयेंगे, सुनते थे सहर होगी
कब जान लहू होगी, कब अश्क गुहर होगा
किस दिन तेरी शुनवाई, ऐ दीद-ए-तर होगी........!!
---फैज़ अहमद फैज़
ख्वाबे-मंज़िल देखते ही रह गए मंज़िल से दूर,
जवाब देंहटाएंवो कश्ती आज भी है नाखुदा साहिल से दूर।
your blog is very nice thanks for sharing us...
जवाब देंहटाएंShayari ki Dayari |
shayari ki dayari hindi
shayari ki diary fb
meri diary sad shayari in hindi
shayari ki diary image
shayari ki dayari sad
shayari ki diary images
shayri ki dayri in hindi
shayari ki dayari love
Bahot Acha Jankari Mila Post Se . Ncert Solutions Hindi or
जवाब देंहटाएंAaroh Book Summary ki Subh Kamnaye